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कारण अनेक, माँ का रोना एक

narayani
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कारण अनेक, माँ का रोना एक 

आज टी.वी. और अख़बार में एक ही समाचार
कनिमोझी की माँ कनिमोझी को देख रोई
कल भी एक समाचार था, नक्सलवादियो ने जम्मू कश्मीर के
पांच जवानो को मार दिया, उनके शव उनके घर पहुंचे
उनसे लिपट कर उनकी माँ बहुत रोई
इतनी मज़बूरी की पांच रूपये का सिक्का गहरे गड्ढे गिरा तो
भाई, बहन और जीजा एक एक उतरे गड्ढे में
और उसी में समा गये
गरीब और गरीब हुई, माँ फिर रोई
बारिश में टनो  अनाज सड गया
पर गरीब का बच्चा भूख से मर गया
विवश माँ फिर रोई
अबोध बेटी का बलात्कार हुआ
मार कर फ़ेंक दिया जालिमो ने
लाचार माँ फिर रोई
बाजार गया सोदा लेने बच्चा
अचानक बम के हमले में ख़त्म हुआ सब
राह तकती, माँ फिर रोई
दहेज के दानवो ने बेटी को जलाया
कोख खाली घर खाली
आज माँ फिर रोई
शल्य क्रिया  के बाद,  चिकित्सक टिटनेस देना भूल गये
सेप्टिक हुआ, बेटी चली गयी
शादी की बिदाई का सपना बेटी का
अंतिम बिदाई बेटी की माँ फिर रोई
मलेरिया नही था बेटे को पर चिकित्सक ने दी दवाई
असर हुआ उल्टा दवा नाकाम हुई
बेटे की किडनी फेल हुई, माँ ने किडनी दी
किडनी नही, नाकाम दवा ने बाज़ी जीती
बेटा गया, माँ फिर रोई
जान देने वाली के सामने जान चली जाये
काश कभी भी एसा न हो पाए,
हम सब मिलकर जतन करे कोई
फिर न कह सके हम,
आज माँ फिर रोई.

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