narayani
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”प्रहरी”सैनिक
”आहट ‘,”आहत ”
भोर भई बावरी
मुस्काती खिली कलिया
आया संदेश सजन का
झूम उठी गलियाँ
आहट हुई है
आ रहा है पथिक ..
नन्हे नन्हे दो हाथ
चूम रहे माथा
हर्षाती माता का
मौन थी प्रतीक्षा
मौन था प्यार
सरहद के प्रहरी अचानक
कहा चले गये तुम
सुना करके आंगन
काट कर शीश तुम्हारे
”आहट ”रोक दी जालिमो ने
”आहत ”कर दिया प्रतीक्षा को
नफरत के दाग और बढाये
शांति के श्वेत आसमानों में
पूत तो सभी माता के
तुम हो माता भारती के
ह्र्दय पटल पर अंकित
देश के परवानो में
देश के सैनिको को शत शत नमन
नारायणी
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